कच्चे रास्ते के बीच बसा बसेड़ी विधानसभा का गांव खिंतर |

कच्चे रास्ते के बीच बसा बसेड़ी विधानसभा का गांव खिंतर

जो आज अपने चारों ओर से कच्चे पड़े रास्ते के चलते अपना पूरी तरह से विकास खो रहा है।

जी हां राजस्थान प्रदेश की बसेडी़ विधानसभा और पंचायत समिति अन्तर्गत बनी बरौली ग्राम पंचायत स्थित बना गांव खिंतर आज अपने चारों ओर से कच्चे पड़े रास्ते के कारण अपना विकास ही नहीं खो रहा है

बल्कि प्रशासन की नजर से दूर भी होता दिखता नजर आ रहा है।

करीब तीस से चालीस घरों का यह गांव आज दो जातियों मींणा और जाटव के बीच बसा हुआ है।

जहां गांव में आज मींणाओं के दो चार घर होने के साथ बाकी सब जाटव जाति समाज के लोगों के घर बने हुये हैं।

वर्तमान में गांव की सरपंच महिला सरपंच होना बतायी जा रही है।

तीस- चालीस घरों के गांव में आज जाटव समाज के केवल दो लोग ही पढ़- लिखकर जिले में सरकारी सेवा से जुड़े होना बताया है।

अगर गांव में सरकारी संस्था की बात करें तो केवल गांव में आज एक ही प्राथमिक विधालय ही बना हुआ है।

जिसके मैन गेट यानि प्रवेश द्वार के आगे गांव में गंदे पानी की नालियां न होने के अभाव कीचड़ फैला रहा है। जो विधालय बच्चों के लिये संक्रमण फैलने की समस्या पैदाकर विधालय के वातावरण को दूषित बना रहा है।

अगर गांव में चारो ओर से कच्चे पड़े रास्ते की समस्या को लेकर गांव के लोगों की मांनें तो गांव में आज तक मंञी पदाधिकारी नेता- राजनेता पहुंचना तो दूर की बात महिला डिलेवरी पर स्वास्थय विभाग की गाड़ी ऐबुलेंस भी गांव में आज तक नहीं पहुंच सकी है।

गाड़ी ड्राईवर को गाड़ी भी रास्ते के अभाव में पास के गांव कांसपुरा में खड़ी करनी पड़ती है। और गांव के दूसरी ओर करीब दो किलोमीटर दूर बरौली की ओर जाने वाले पक्के सड़क मार्ग पर।

इस स्थित में डिलेवरी महिला को किस परिस्थित का सामना करना पड़ता है यह तो वह प्रसव महिला ही जानती होगी।

अब रही गांव में कच्चे रास्ते के चलते विधालय पहुंचने वाले शिछकों की बात तो विधालय के शिछक भी अपनी दुपहिया वाहन बाईक स्कूटी को पास के नजदीक गांव कांसपुरा ही छोडकर पैदल चलते हुये गांव में बने खिंतर विधालय तक पहुंचते हैं।

ऐसा भी नहीं है कि गांव के लोगों ने जिला प्रशासन के साथ जिले के राजनेता- मंञियों को रास्ते की बात समस्या से अवगत नहीं कराया हो लिखित में प्रार्थना पञ बगैराह देकर भी अवगत कराते हुये गांव को आज पक्के रास्ते से जोड़े जाने की मांग कर चुके हैं।

आपको बता दें जिले में खिंतर जैसे कई गांव हैं जो आज अपने चारों ओर से कच्चे पड़े रास्ते की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं।

जिनमें बाड़ी के सदर थानान्तर्गत बना गांव पूठपुरा भी आज अपने चारो ओर से पड़े कच्चे रास्ते की समस्या की एक जटिल समस्या से जूझनां बताया जा रहा है।

खबर के चलते बता दें बसेडी़ विधान सभा छेञीय विधायक पूर्व सासंद खिलाड़ीलाल बैरवा बताये गये हैं।

जो बर्ष दो हजार आठ में बनी विधानसभा में सुखराम कोली विधायक के बाद विधायक बनी रानी सिलौटिया के बाद विधानसभा छेञ से तीसरे नंबर के विधायक बने हुये हैं

होना बताया जाता है।

इसके साथ ही खिंतर निवासी नेमीचंद जाटव, बाबूलाल जाटव, शिवसिंह जाटव आदि गांव के लोगों ने जिला प्रशासन से अपनी मांग करते हुये गांव के कच्चे रास्ते को पक्का कराते हुये आज गांव को सड़क डामरीकरण मार्ग से जोड़े जाने की मांग की है।



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