#indianrailways #kota_rail दमा से हर साल ढाई लाख मौत, रेलवे अस्पताल में मनाया अस्थमा दिवस Rail news. कोटा मंडल रेल चिकित्सालय में मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस मनाया गया। इस अवसर पर एक संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता डॉ. इन्द्रजीत उराडिया ने कहां कि सांस या फेंफडों की नलियों में खराबी या पतली होने कारण सांस लेने में होने वाली तकलीफ को ही दमा या अस्थमा कहा जाता है। दुनिया में 33 करोड़ से ज्यादा लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं तथा हर साल करीब ढाई लाख लोगों की मौत इस बीमारी के कारण हो जाती है।उराडिया ने बताया की अस्थमा के मुख्य कारण धुंआ, एलर्जी एवं सांस की नलियों में इन्फेक्शन है। बीमारी से छुटकारे के लिए जरूरी है कि दवा के साथ जीवन शैली में भी सुधार किया जाए। नशीली चीजों का सेवन पूरी तरह बंद, धूल-मिटटी से परहेज, बदलते मौसम में सावधानी, एलर्जी का इलाज, पोष्टिक आहार तथा पूरी नींद जरूर लेनी चाहिए। अस्थमा संक्रामक रोग नही है। इसलिए इससे घबराने की जरूरत नहीं है। उराडिया ने कहा कि इस बीमारी में इन्हेलर काफी बेहतर तरीके से काम करता है। इन्हेलर से दवा सीधे फेफडों पर असर करती है। इसलिए इससे तुरंत लाभ मिलता है। संगोष्ठी की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुषमा भटनागर ने की। आग बुझाने का हुआ मॉक ड्रिल संगोष्ठी के बाद अस्पताल में आग आग बुझाने का मॉक ड्रिल भी किया गया। इस अवसर पर विशेषज्ञों ने आग बुझाने के तरीके भी बताए।


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