इधर महंगाई राहत शिविर तो उधर 5 मई को राजस्थान में सरकारी वाहनों को उधार में पेट्रोल-डीजल की सप्लाई बंद। CNG पंप भी नहीं खोले जा रहे। 400 करोड़ रुपए का बकाया चुकाने की स्थिति में नहीं है सरकार। सर्वाधिक वैट वसूली के विरोध में 15 जून से पंप संचालकों की बेमियादी हड़ताल। =============== इधर शिविर लगाकर महंगाई से राहत दिलाने के सरकारी दावे किए जा रहे हैं तो उधर 400 करोड़ रुपए का बकाया भुगतान नहीं होने पर राजस्थान भर के पंप संचालकों ने 5 मई से सरकारी वाहनों में उधार में पेट्रोल डीजल देने से मना कर दिया है। राजस्थान पेट्रोल पंप एसोसिएशन का कहना है कि बकाया भुगतान के लिए जिला कलेक्टर से लेकर मुख्य सचिव तक का ध्यान आकर्षित करवाया गया, लेकिन भुगतान नहीं हो रहा है। अब किसी भी पंप चालक की स्थिति तेल उधार में देने की नहीं है। पंप चालक पेट्रोल-डीजल नगद में खरीदकर उधार में नहीं दे सकते हैं। सरकार अपना खजाना खाली होने की बात करती है, जबकि पंप चालक लंबे समय तक उधार नहीं दे सकते हैं। 5 मई से सरकारी वाहनों को उधार में तेल आपूर्ति नहीं देने के मुद्दे पर प्रदेश भर में पंप चालक एकजुट है। सर्वाधिक वैट वसूली का भी विरोध: पेट्रोल और डीजल पर देश भर में सर्वाधिक वैट वसूली राजस्थान में हो रही है, साथ ही CNG पंप भी नही खोले जा रहे। जिससे सीमावर्ती जिलों में पेट्रोल पंप बंद होने लगे हैं। पंजाब, गुजरात, दिल्ली, हरियाणा आदि जाने वाले छोटे-बड़े वाहन राजस्थान की सीमा से सटे पेट्रोल पंप से पेट्रोल नहीं भरवाते हैं, इससे पंप चालकों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। सप्लाई कम होने से पंप के खर्चे भी नहीं निकल रहे हैं। सरकार का ध्यान आकर्षित कराने के लिए ही 15 मई को प्रदेश के पंप संचालक जयपुर में शहीद स्मारक पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करेंगे। इस पर भी यदि ध्यान आकर्षित नहीं हुआ तो 30 मई को प्रदेश भर में एक दिवसीय हड़ताल की जाएगी। मांगे पूरी नहीं होने पर 15 जून से प्रदेश भर में पंप संचालक बेमियादी हड़ताल पर चले जाएंगे। एसोसिएशन ने प्रति लीटर कमीशन भी बढ़ाने की मांग की है।


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