आखिर में ललिता समदानी नहीं बचा पायी सभापति का पद

भीलवाड़ा नगर परिषद की सभापति ललिता समदानी के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर 10 दिन चले राजनैतिक ड्रामे का आज मतदान के बाद पटाक्षेप हो गया। सभापति ललिता समदानी अपनी भष्ट्र कार्य प्रणाली को लेकर लगातार विवादो मे रही।

सभापति समदानी की कार्य प्रणाली को लेकर परेशान 55 पार्षदो मे से 43 पार्षदो ने 10 दिन पूर्व, जिला कलेक्टर राजेन्द्र भट्ट के सम्मुख पेश होकर अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, जिस पर आज कडी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पार्षदो व शहर विधायक तथा सांसद ने अपर कलेक्टर प्रशासन राकेश कुमार के सम्मुख मतदान किया।

परिणाम मे सभापति समदानी के खिलाफ मे 45 तथा पक्ष मे 0 मत पडे। इस तरह समदानी के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया और आखिर लंबी जद्दोजहद के बाद समदानी के हिटलर राज का अंत हो ही गया।

विदित है की गत 18 नवंबर को नगर परिषद सभापति ललिता समदानी पर आय से अधिक संपत्ति, नगर परिषद मे हुए टेंडरों मे भष्ट्राचार, बिना भू-उपयोग परिवर्तन और बिना नक्शा पास कराए व बिना स्वीकृति लिए निर्माण कार्य होने देने, शहर मे सफाई व्यवस्था नही होने सहित निर्माण कार्यो मे गडबडझाला सहित कई आरोपों को लेकर भाजपा के 36 पार्षद और 9 निर्दलीय पार्षदो मे से 7 निर्दलीय पार्षदो ने तथा शहर विधायक विट्ठल शंकर अवस्थी ने हस्ताक्षर युक्त अविश्वास प्रस्ताव जिला कलेक्टर राजेन्द्र भट्ट के सम्मुख पेश किया था। कलेक्टर ने इस अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के लिए 28 नवम्बर निर्धारित करते हुए अपर कलेक्टर प्रशासन राकेश कुमार अधिकारी नियुक्त किया था।

अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान की तिथी निर्धारित होने के बाद इस अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ सभापति ललिता समदानी ने स्टे के लिए हाईकोर्ट की शरण लेते हुए याचिका दायर की थी परंतु हाईकोर्ट ने 26 नवम्बर को समदानी की याचिका पर सुनवाई के बाद इसे खारिज कर दिया। याचिका खारिज होते ही समदानी के हाथ-पांव फूल गए चेहरे से हवाइंया उड गई फिर शुरू हुआ कांग्रेस नेताओ के द्वार-द्वार धोक देने का क्रम और पार्षदो को प्रलोभन देने का दौर कांग्रेस के कुछ पार्षद जो सिपहसलार बनते है की अगुवाई मे कई बैठकों का दौर हुआ इन बैठकों मे कांग्रेस के ही पार्षद बिदक गए क्योकि वह समदानी की हिटलरशाही से परेशान हो चुके थे और इससे छुटकारा पाना चाहते थे।

पार्टी ने प्रतिबद्धता होने से उन्होने सभापति के खिलाफ मतदान करने के लिए ऊपरी तौर पर तो हां भर ली लेकिन अंदरखाने से वह मन ही मन इसके लिए तैयार नही थे।

नगर परिषद मे 55 पार्षद का बोर्ड है और नियमानुसार अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के लिए 43 पार्षद चाहिए थे। प्रस्ताव पारित होने के लिए भी 43 पार्षद चाहिए और भाजपा के साथ 7 निर्दलीय पार्षद व विधायक और सांसद के मत के बाद 45 सदस्य हुए जिससे अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया।

सभापति ने अपनी कुर्सी सलामत रहे इसकी लेकर विगत दिनो भाजपा से निकाले जाने के बाद अपने बचाव मे विधायक राम लाल जाट व कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव धीरज गुर्जर की अगुवाई मे कांग्रेस मे शामिल हो गई थी लेकिन कांग्रेस में शामिल होने के बाद भी सभापति समदानी अपनी कुर्सी नही बचा पाई।

मूलचन्द पेसवानी

The post आखिर में ललिता समदानी नहीं बचा पायी सभापति का पद appeared first on G News Portal.



from G News Portal https://news.gangapur.city/%e0%a4%86%e0%a4%96%e0%a4%bf%e0%a4%b0-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%b2%e0%a4%b2%e0%a4%bf%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%b8%e0%a4%ae%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%a8%e0%a4%b9%e0%a5%80/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=%25e0%25a4%2586%25e0%25a4%2596%25e0%25a4%25bf%25e0%25a4%25b0-%25e0%25a4%25ae%25e0%25a5%2587%25e0%25a4%2582-%25e0%25a4%25b2%25e0%25a4%25b2%25e0%25a4%25bf%25e0%25a4%25a4%25e0%25a4%25be-%25e0%25a4%25b8%25e0%25a4%25ae%25e0%25a4%25a6%25e0%25a4%25be%25e0%25a4%25a8%25e0%25a5%2580-%25e0%25a4%25a8%25e0%25a4%25b9%25e0%25a5%2580

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर: डीए का भुगतान सितम्बर माह में एरियर के साथ होगा – मुकेश गालव

कन्हैया दंगल पौराणिक कथाएं सुन मंत्रमुग्ध हुए श्रोता

खंडार तहसीलक्षेत्र मे मौसम के तीखे तेवर से किसानों की फसल को पहुंचा बडा आघात।