केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल कल बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी में डॉ. अंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र योजना (डीएसीई) का शुभारंभ करेंगे

केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री और डॉ अंबेडकर फाउंडेशन (डीएएफ) के अध्यक्ष, डॉ वीरेंद्र कुमार दिनांक 22.04.2022 को दोपहर 2 बजे बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी में डॉ अंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र योजना (डीएसीई) का शुभारंभ करेंगे। इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल होंगी। इस अवसर पर केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री श्री ए नारायणस्वामी और सुश्री प्रतिमा भौमिक भी उपस्थित रहेंगी।

डीएसीई योजना का शुभारंभ होने के बाद, चयनित किए गए 31 विश्वविद्यालयों और डॉ अंबेडकर फाउंडेशन, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर भी किए जाएगें।

डॉ अंबेडकर फाउंडेशन (डीएएफ), सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पूरे देश के 31 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में डॉ अंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र योजना (डीएसीई) की शुरूआत की जा रही है। डीएसीई की स्थापना अनुसूचित जाति के छात्रों को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाली मुफ्त कोचिंग सुविधाएं प्रदान करने के लिए की जा रही है।

डीएसीई योजना के अंतर्गत प्रत्येक कोचिंग केंद्र के लिए कुल 100 सीटों की स्वीकृति प्रदान की गई है। कोचिंग के लिए कुल स्वीकृत सीटों में से 33 प्रतिशत सीटों पर अनुसूचित जातियों की योग्य महिला उम्मीदवारों को प्रथमिकता प्रदान की जाएगी। अगर कोचिंग के लिए योग्य महिला उम्मीदवारों की पर्याप्त संख्या उपलब्ध नहीं होती है तो संबंधित विश्वविद्यालय द्वारा पुरुष/ ट्रांसजेंडर उम्मीदवारों (केवल अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों) को खाली सीटों का आवंटन किया जाएगा।

इस योजना के अंतर्गत कोचिंग का लाभ किसी छात्र द्वारा केवल एक ही बार ही प्राप्त किया जा सकता है, भले ही वह छात्र किसी विशेष प्रतियोगी परीक्षा के लिए कितना भी अवसर प्राप्त करने का हकदार क्यों न हो। किसी भी छात्र के लिए विश्वविद्यालय में एक हलफनामा प्रस्तुत करना आवश्यक होगा, जिसमें यह लिखा गया हो कि उसे भारत सरकार, राज्य/ केंद्र शासित प्रदेशों या किसी भी वित्तपोषण संस्थान द्वारा किसी भी अन्य योजना के लिए कोई मौद्रिक लाभ प्राप्त नहीं हुआ है।

संबंधित विश्वविद्यालय द्वारा खुले विज्ञापन के माध्यम से इस योजना के लिए व्यापक रूप से प्रचार किया जाएगा और एक सामान्य प्रवेश परीक्षा के लिए एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया जाएगा। छात्रों का चयन मेरिट के आधार पर विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित किए जाने वाले प्रवेश परीक्षा के माध्यम से किया जाएगा।

कोचिंग कक्षाओं का संचालन करने के लिए, विश्वविद्यालयों को आवश्यक अवसंरचनाएं जैसे अलग-अलग कक्षाएं, पुस्तकालय, हाई-स्पीड वाई-फाई कनेक्टिविटी और अन्य आवश्यक उपकरण आदि रखना पड़ेगा।

इस योजना के नियम और शर्तों के अनुसार, डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन (डीएएफ) द्वारा डॉ. अंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना करने में होने वाले पूरे खर्चों का वहन किया जाएगा।

विश्वविद्यालय को 100 छात्रों के लिए 75,000 रुपये प्रति वर्ष/ प्रति छात्र प्रदान किए जाएंगे। इस योजना का संचालन करने के लिए विश्वविद्यालय को प्रति वर्ष कुल 75 लाख रुपये की राशि प्रदान की जाएगी।

इसके अतिरिक्त, डा अंबेडकर फाउंडेशन द्वारा पूरे देश के विश्वविद्यालयों/ संस्थानों में डॉ अंबेडकर चेयर नामक एक अन्य योजना का संचालन किया जा रहा है। वर्तमान समय में, पूरे देश में 24 डॉ अंबेडकर चेयर स्थापित किए जा चुके हैं। हाल के समय में, अनुसंधान क्षेत्र का विस्तार और वित्तीय सहायता में संशोधन आदि करने के लिए डॉ अंबेडकर चेयर योजना का पुनरुद्धार किया गया है।

इस कार्यक्रम के दौरान, 24 विश्वविद्यालयों/ संस्थानों और डॉ अंबेडकर फाउंडेशन, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के बीच में संशोधित डॉ अंबेडकर चेयर योजना के लिए एक संशोधित समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किया जाएगा।

डॉ अंबेडकर चेयर का उद्देश्य प्रमुख विश्वविद्यालयों और शैक्षिक संस्थानों में शिक्षा को विकसित केंद्र प्रदान करना है, जहां पर शिक्षाविदों, विद्वानों और छात्रों द्वारा डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों को समझने, मूल्यांकित करने, प्रसारित करने और लागू करने के लिए अध्ययन और अनुसंधान को समृद्ध और उन्नत बनाया जाएगा।

इन चेयर का उद्देश्य भारतीय समाज के वंचित वर्गों को न्याय प्रदान करने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए उनके वर्तमान और अतीत पर एक विकसित अनुसंधान और शिक्षण प्रदान करना भी है। डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन और संबंधित विश्वविद्यालय/ संस्थान द्वारा संयुक्त रूप से हस्ताक्षर किए जाने वाले समझौता ज्ञापन में संबंधित विषयों में अनुसंधान और शिक्षण के विशिष्ट क्षेत्रों के बारे में जानकारी प्रदान की जाएगी।

डीएएफ द्वारा डॉ अंबेडकर चेयर के लिए सहायता अनुदान की राशि को संशोधित करते हुए वर्तमान 35 लाख रुपये से 75 लाख रुपये कर दिया गया है।

प्रत्येक चेयर की स्थापना को सुविधाजनक बनाने के लिए प्रत्येक चेयर को उनकी प्रारंभिक स्थापना के समय 10 लाख रुपए की एकमुश्त अनुदान राशि जारी की जाती है।

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एमजी/एएम/एके

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