हुनर हाट, किसी जमाने में लोकप्रिय ‘सर्कस’ में जान डाल रहा है; कलाकारों को देश भर में प्रदर्शन करने के लिए एक अनूठा मंच मिला

हर कोई जानता है कि कोविड-19 महामारी ने दुनिया भर की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है। बहुत से लोग ये नहीं जानते हैं, इस महामारी ने दुनिया भर के अनेक कलाकारों का जीवन भी प्रभावित किया। ‘कलाकारों’ की चर्चा होते ही हमारे दिमाग में गायक, नर्तक-नर्तकी, थिएटर कलाकार, स्टैंड-अप कॉमेडियन छा जाते हैं। लेकिन, हम में से कितने लोग कभी सर्कस के कलाकार के बारे में सोचते हैं?

विशेष रूप से भारत में, इसका कारण यह है कि एक कला के रूप में सर्कस काफी दूर चला गया है या हम में से बहुत लोगों के जीवन से खो गया है। सर्कस की लोकप्रियता खोने के कई कारण हो सकते हैं। लेकिन अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय इस भुला दी गई कला को वापस लाकर लोगों को इसका भरपूर आनंद दिला रहा है। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की पहल हुनर ​​हाट का आयोजन मुंबई के एमएमआरडीए ग्राउंड, बीकेसी में 16 अप्रैल से 27 अप्रैल 2022 तक किया जा रहा है, जहां लगभग 35 सर्कस कलाकार प्रतिदिन अपनी कला प्रदर्शन कर रहे हैं।

प्रेस सूचना कार्यालय, मुंबई को हुनर ​​हाट में प्रदर्शन करने वाले कुछ सर्कस कलाकारों के साथ बातचीत करने का अवसर मिला। यह लेख उस कला को सम्‍मान है जिसने हमें रोमांचित  किया और बचपन में हमें खुश किया और उस प्रत्‍येक कलाकार का अभिनंदन है जो दर्शकों को खुश करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है!

हुनर हाट – सृजनात्‍मक दुनिया का संसार

जैसा कि इसका प्रचार वाक्‍य है, ‘शिल्प, व्यंजन और संस्कृति’, 12-दिवसीय मेले में एक ही स्‍थान पर विश्वसनीय और उत्‍कृष्‍ट ‘स्वदेशी’ उत्पाद उपलब्‍ध हैं। देश भर के हजारों कारीगरों को सहायता और प्रोत्साहित करने के अलावा, हुनर ​​हाट ने मेले के दौरान आगंतुकों का मनोरंजन करने वाले 100 से अधिक गायकों, नर्तकियों, हास्य कलाकारों के साथ-साथ सर्कस कलाकारों को मंच प्रदान किया है।

 

जोकर आमोद-प्रमोद का स्रोत हो सकता है, लेकिन जोकर को कौन हंसाएगा? -एंजेला कार्ट

रेम्बो सर्कस मंडली के मालिक श्री पी टी दिलीप ने कहा, “लंबे समय के बाद ‘सर्कस’ को देश में अपनी प्रतिष्ठा वापस मिली है। मंडली देश भर में आयोजित किए जा रहे विभिन्न हुनर ​​हाटों में प्रदर्शन कर रही है। उन्‍हें चंडीगढ़ के उप राज्यपाल द्वारा कलाकारों को सम्मानित करने के बारे में उनकी यादें ताजा हो गईं, कुछ दिन पहले जब चंडीगढ़ ने हुनर ​​हाट की मेजबानी की थी। उन्होंने कहा, “हमें पुरस्‍कार के रूप में एक स्‍मृति चिन्‍ह और 11,000 रुपये नकद दिए गए। इस पाकर हमारा एक वरिष्‍ठ कलाकार, बीजू नायर, जो जोकर की भूमिका निभा रहा था, खुशी के मारे रोने लगा”।

बीजू नायर ने गर्व से कहा, “यह पैसा नहीं था। मैं 50 साल से अधिक का हूं और यह मेरे जीवन में पहली बार था कि मुझे इतना सम्मान मिला और वह भी इतने प्रतिष्ठित व्यक्ति से।”

सर्कस के सदाबहार दौर को याद करते हुए रैम्बो सर्कस मंडली के मैनेजर राजीव बिरडिया ने कहा, “एक समय था जब लोग तीन दिन पहले आते थे। वे साथ में अपना खाना बांध कर  आते थे, और सर्कस का एक घंटे का शो देखने के लिए कई दिनों तक इंतजार करते थे। उन्होंने काफी मायूसी से याद किया कि कैसे कला ने वर्षों में अपना आकर्षण खो दिया है।”1998 में देश में 317 ग्रुप थे; आज केवल 6 बचे हैं और महाराष्ट्र में केवल एक – हमारा।”

उन्होंने उल्लेख किया कि बदलते हुए समय के साथ बड़े शहरों में बहुत अधिक किरायों के कारण सर्कस कलाकारों को उचित जगह नहीं मिलती है। उन्‍होंने बताया कि कैसे हुनर ​​हाट जो शहर के केन्‍द्र में स्थित है, उन्हें प्रदर्शन करने के लिए जगह के साथ-साथ पारिश्रमिक भी प्रदान कर रहा है और उन्हें दर्शक उपलब्‍ध कराकर प्रोत्साहित भी कर रहा है।

एक फोन कॉल जिससे जान में जान आई

उन्होंने यह भी साझा किया कि कैसे महामारी ने अनेक कलाकारों का जीवन प्रभावित किया। “हमें कुछ नहीं सूझ रहा था कि आगे क्या करना है। तभी हमें अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय से एक फोन आया, जिसमें पूछा गया था कि क्या हम हुनर ​​हाट के लिए प्रदर्शन कर सकते हैं। महामारी के बाद के समय में यह कॉल ऑक्सीजन की तरह आई, ”उन्होंने सरकार और मंत्रालय को इस पहल के लिए तहे दिल से धन्यवाद दिया।

2021 से, मंडली हुनर ​​​​हाट से लगातार जुड़ी हुई है और हाट के अनेक गंतव्यों की यात्रा कर चुकी है, कई राज्यों में प्रदर्शन कर रही है। उन्‍होंने धन्‍यवाद के साथ कहा, “पहले हमें केवल राज्‍य के भीतर प्रदर्शन करने का अवसर मिलता था लेकिन अब सरकार की मदद से हम देश भर में प्रदर्शन कर रहे हैं। ”

देश भर से कलाकार

हुनर हाट में प्रदर्शन करने वाले सर्कस कलाकार एक मिनी-इंडिया का प्रतिनिधित्व करते हैं क्योंकि वे देश के लगभग सभी राज्यों से आते हैं: पूर्वोत्‍तर के राज्‍यों, उत्तर भारत के सभी राज्य, महाराष्ट्र, केरल और पश्चिम बंगाल। रेम्बो सर्कस में काम करने वाले कलाकारों की आयु 18 से 35 वर्ष के बीच है, जिसमें छह महिला कलाकार शामिल हैं। महिला कलाकार, जिनमें से एक सिंगल मदर है, ने दावा किया कि शो के दौरान चौंका देने वाला जिमनास्टिक करने के लिए वह दिन में दो से तीन घंटे अभ्यास करती हैं।

हुनर हाट – सर्कस के कलाकारों को समर्थन

उन्होंने उल्लेख किया कि सर्कस मंडली 2021 से विभिन्न हुनर ​​हाट में प्रदर्शन कर रही है और तब से व्यस्त है। महाराष्ट्र में केन्‍द्रित रेम्बो सर्कस, एक अभ्यास के रूप में, कलाकारों को बारी-बारी से लाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मंडली का कोई भी सदस्य अवसर नहीं खोए और देश भर में मंत्रालय द्वारा प्रदान किए गए मंच से वंचित न रहे।

श्री बिरडिया ने कहा, “सर्कस गाँव को अपने साथ ले जाने जैसा है। मंडली से जुड़े लगभग 300 लोग हैं और आपको परिवार के हर सदस्य की तरह प्रत्‍येक सदस्‍य की देखभाल करनी होती है” ।

कलाकारों ने इस तरह के मंच के लिए सरकार और मंत्रालय के प्रति आभार व्यक्त किया और यह भी कहा कि इस कदम ने उन्हें प्रेरित किया है और उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया है।

 

आखिरी बार आप अपने बच्चों को सर्कस में कब ले गए थे? आप उन्हें मुंबई के हुनर ​​हाट में ले जाकर खुशियां दे सकते हैं। शो का समय: दोपहर 1 बजे, दोपहर 3 बजे और शाम 5 बजे

मुंबई के हुनर ​​हाट में जाने के पांच कारण

https://ift.tt/m2PbwAr

 

 

Follow us on social media: @PIBMumbai /PIBMumbai /pibmumbai pibmumbai@gmail.com

 

****

 

एमजी/एएम/केपी

पोस्ट हुनर हाट, किसी जमाने में लोकप्रिय ‘सर्कस’ में जान डाल रहा है; कलाकारों को देश भर में प्रदर्शन करने के लिए एक अनूठा मंच मिला पहले G News Portal पर दिखाई दिया।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर: डीए का भुगतान सितम्बर माह में एरियर के साथ होगा – मुकेश गालव

कन्हैया दंगल पौराणिक कथाएं सुन मंत्रमुग्ध हुए श्रोता

खंडार तहसीलक्षेत्र मे मौसम के तीखे तेवर से किसानों की फसल को पहुंचा बडा आघात।