रेलवे 50 और 20 पैसे के सिक्के के रूप में वसूल रही वाहन किराया, हो रही अवैध वसूली, लुट रहे यात्री

रेलवे 50 और 20 पैसे के सिक्के के रूप में वसूल रही वाहन किराया, हो रही अवैध वसूली, लुट रहे यात्री
कोटा।  रेलवे ने चलन से बाहर हो चुके 50 और 20 पैसे के सिक्के से वाहन पार्किंग का किराया निर्धारित किया है। इसके चलते पार्किंग स्टैंडों पर यात्री लुट रहे हैं। इन सिक्कों के नहीं चलने की बात कह कर स्टैंड संचालक यात्रियों से अवैध वसूली कर रहे हैं। यात्रियों और स्टैंड संचालकों ने इसके लिए रेलवे को जिम्मेदार ठहराया है।
यात्रियों ने बताया कि कोटा स्टेशन पर 4 घंटे के लिए एक कार पार्किंग का किराया 15 रुपए है। इसके अलावा 2 रुपए 70 पैसे जीएसटी भी है। यानी जीएसटी सहित एक कार का 4 घंटे का कुल किराया 17 रुपए 70 पैसे होता है। लेकिन स्टैंड संचालक खुले पैसे का बहाना कर यात्रियों से सीधे 20 रुपए वसूल रहे हैं। यात्रियों के देने पर भी स्टैंड संचालक मार्केट में नहीं चलने की बात कर 50 और 20 पैसे के सिक्के नहीं लेते हैं। इसके चलते वाहन स्टैंड पर रोजाना विवाद की स्थिति बन रही है। बहस बढने पर कई बार नौबत मारपीट तक भी पहुंच जाती है।
हजारों रुपए की अवैध वसूली रोज
यह स्थिति केवल कोटा कार पार्किंग की नहीं है। बल्कि मंडल में चलने वाले सभी वाहन स्टैंडों की है। जीएसटी के नाम पर यहां पर यात्री लूट का शिकार हो रहे हैं। स्टैंड संचालक इन यात्रियों से रोजाना हजारों रुपए की अवैध कमाई कर रहे हैं।
अधिकारियों तक पहुंचते हैं पैसे
ऐसा ही एक मामला पिछले हफ्ते कोटा स्टेशन पर देखने को मिला। यात्री अशोक शर्मा ने बताया कि वह पार्किंग में अपनी कार खड़ी करके कहीं गए थे। लौटने पर उन्होंने जीएसटी सहित कार का किराया खुल्ले 17 रुपए 70 पैसे स्टैंड संचालक को देने की कोशिश की। लेकिन स्टैंड संचालक उससे 20 रुपए मांगने लगा। उसके मना करने पर स्टैंड संचालक लड़ाई-झगड़े पर उतर आए। इसके बाद उसने मामले की शिकायत अधिकारियों से करने की बात कही। इस पर स्टैंड संचालकों ने कहा कि अधिकारियों को इसी बात का पैसा दिया जाता है। बाद मेंं मामला बढता देख वह स्टैंड संचालकों को 20 रुपए देकर वहां से निकल गए। इसके बाद उन्होंने मामले की शिकायत रेलवे अधिकारियों से कर दी।
शर्मा ने बताया कि इसके बाद से उन पर शिकायत वापस लेने का अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है। रेलवे की ओर से आ रहे हैं फोन पर कहां जा रहा है कि अब आपकी गाड़ी को कोई नहीं रोकेगा, लेकिन शिकायत वापस ले लो।
रेलवे है जिम्मेदार
यात्रियों ने बताया कि इस पूरे मामले के लिए रेलवे ही जिम्मेदार है। रेलवे अधिकारियों को पता है की 50 और 20 पैसे के सिक्के बाजार में नहीं चलते। इसके बावजूद भी अधिकारियों ने किराए और जीएसटी को जोड़कर ऐसी रकम बना दी जिसे न यात्रियों के लिए देना संभव है और न स्टैंड संचालकों के लिए वसूलना। यात्रियों का कहना है कि जीएसटी और किराए को जोड़कर राउंड फिगर वाली रकम तैयार करनी चाहिए। जिससे खुले पैसे का चक्कर समाप्त हो। जिसे न यात्रियों को देने में परेशानी हो और न स्टैंड संचालकों को लेने में।
शिकायत के बाद जागा प्रशासन
शर्मा की शिकायत के बाद प्रशासन की आंखें खुली हैं। प्रशासन ने शर्मा की शिकायत का हवाला देते हुए पश्चिम-मध्य रेलवे जबलपुर मुख्यालय से इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही कार्य युक्तिसंगत बनाने की बात कही है।

पोस्ट रेलवे 50 और 20 पैसे के सिक्के के रूप में वसूल रही वाहन किराया, हो रही अवैध वसूली, लुट रहे यात्री पहले G News Portal पर दिखाई दिया।



https://ift.tt/30hU3rA

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर: डीए का भुगतान सितम्बर माह में एरियर के साथ होगा – मुकेश गालव

कन्हैया दंगल पौराणिक कथाएं सुन मंत्रमुग्ध हुए श्रोता

खंडार तहसीलक्षेत्र मे मौसम के तीखे तेवर से किसानों की फसल को पहुंचा बडा आघात।