शहीद दिवस के अवसर पर आयोजित पावन स्मरणांजलि कार्यक्रम

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का व्यक्तित्व एवं उनकी जीवनी युवा पीढ़ी को प्रेरित करने वाली है। आज के इस दौर में गांधी जी के सिद्धांत अधिक प्रासंगिक हो गए हैं। ऐसे में राज्य सरकार द्वारा गांधी दर्शन को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए प्रदेश के उच्च माध्यमिक विद्यालयों में गांधी दर्शन कॉर्नर स्थापित किए जाएंगे। इससे गांधी जी के विचारों को छात्रों तक पहुंचाने का उचित प्लेटफॉर्म मिल सकेगा।
निवास से शहीद दिवस के अवसर पर आयोजित पावन स्मरणांजलि कार्यक्रम में वीडियो कॉंफ्रेेन्स के माध्यम से जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर में नव स्थापित वाइल्इ लाइफ रिसर्च एण्ड कन्जर्वेशन अवेयरनेस सेन्टर एवं गांधी अध्ययन केंद्र के नवीनीकृत कार्यालय का उद्घाटन करने के बाद संबोधित किया।
राज्य सरकार की सोच है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सत्य, अहिंसा एवं सत्याग्रह के विचारों को नई पीढ़ी तक पहुुंचाया जाए। ताकि हमारे युवा उनके जीवन दर्शन को आत्मसात कर सके।
गांधी अध्ययन केंद्र गांधी जी के विचारों को युवाओं में प्रसारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। इस केन्द्र के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष से 5 लाख रूपये देने की भी घोषणा की। प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में पहले से स्थापित गांधी अध्ययन केन्द्रों को फिर से शुरू किया जाएगा और जहां यह केन्द्र नहीं खुले हैं वहां खोले जाएंगे। अन्य विश्वविद्यालयों में भी गांधी अध्ययन केन्द्र खोलने पर राज्य सरकार की ओर से पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया।
स्कूली पाठ्यक्रम में आजादी के आंदोलन में बापू के योगदान को प्राप्त स्थान दिया जा रहा है। युवाओं का आहवान है कि वे गांधी जी के विचारों का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करें।
कार्यक्रम में प्रख्यात गांधीवादी विचारक डॉ. एन. सुब्बा राव ने कहा कि आज भाषा, मजहब एवं क्षेत्र की दीवारें हर तरफ खड़ी हो गई हैं। ऐसे में मनुष्य जाति को आपस में जोड़े रखने के गांधी जी के विचार बहुत प्रासंगिक हैं। सभी देशवासी मिलकर आज हिंसा मुक्त, बेरोजगारी एवं भूख मुक्त, नशा मुक्त तथा भ्रष्टाचार मुक्त गांधी जी के सपनों का भारत बनाने का प्रण लें।
कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने गांधी जी द्वारा प्रचारित सात सिद्धांतों का पालन करते हुए न्यूनतम आवश्यकता पर आधारित जीवन व्यतीत करने तथा मजबूत चरित्र पर जोर दिया। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री श्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि गांधी जी का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर प्रवीण चंद त्रिवेदी ने कहा कि गांधी अध्ययन केन्द्र के माध्यम से गांधी जी के विचारों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। वाइल्ड लाइफ रिसर्च एण्ड कंजर्वेशन अवेयरनेस सेन्टर के निदेशक डॉ. हेमसिंह गहलोत ने सेन्टर की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद दिया।
इससे पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र पर पुष्प अर्पित किए एवं दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम में लेखिका अनीसा किदवई की पुस्तक आज़ादी की छांव में गांधी जी का आखिरी सफर से श्री महमूद फारूकी ने वाचन किया। गांधी जी के प्रसिद्ध भजनों की भी प्रस्तुति दी गई। शासन सचिव कला एवं संस्कृति श्रीमती मुग्धा सिन्हा ने कार्यक्रम की शुरूआत में सभी अतिथियों का स्वागत किया।
कार्यक्रम में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा, चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, मोटर गैराज राज्य मंत्री श्री राजेन्द्र यादव, पूर्व सांसद श्री ताराचंद भगोरा, मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य, श्री धर्मेन्द्र राठौड़, पूर्व महाधिवक्ता श्री जी.एस. बापना, शांति एवं अहिंसा प्रकोष्ठ के संयोजक श्री मनीष शर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधि, विधायक एवं अधिकारी वीसी के माध्यम से जुड़े रहे।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का व्यक्तित्व एवं उनकी जीवनी युवा पीढ़ी को प्रेरित करने वाली है। आज के इस दौर में गांधी जी के सिद्धांत अधिक प्रासंगिक हो गए हैं। ऐसे में राज्य सरकार द्वारा गांधी दर्शन को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए प्रदेश के उच्च माध्यमिक विद्यालयों में गांधी दर्शन कॉर्नर स्थापित किए जाएंगे। इससे गांधी जी के विचारों को छात्रों तक पहुंचाने का उचित प्लेटफॉर्म मिल सकेगा।
निवास से शहीद दिवस के अवसर पर आयोजित पावन स्मरणांजलि कार्यक्रम में वीडियो कॉंफ्रेेन्स के माध्यम से जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर में नव स्थापित वाइल्इ लाइफ रिसर्च एण्ड कन्जर्वेशन अवेयरनेस सेन्टर एवं गांधी अध्ययन केंद्र के नवीनीकृत कार्यालय का उद्घाटन करने के बाद संबोधित किया।
राज्य सरकार की सोच है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सत्य, अहिंसा एवं सत्याग्रह के विचारों को नई पीढ़ी तक पहुुंचाया जाए। ताकि हमारे युवा उनके जीवन दर्शन को आत्मसात कर सके।
गांधी अध्ययन केंद्र गांधी जी के विचारों को युवाओं में प्रसारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। इस केन्द्र के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष से 5 लाख रूपये देने की भी घोषणा की। प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में पहले से स्थापित गांधी अध्ययन केन्द्रों को फिर से शुरू किया जाएगा और जहां यह केन्द्र नहीं खुले हैं वहां खोले जाएंगे। अन्य विश्वविद्यालयों में भी गांधी अध्ययन केन्द्र खोलने पर राज्य सरकार की ओर से पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया।
स्कूली पाठ्यक्रम में आजादी के आंदोलन में बापू के योगदान को प्राप्त स्थान दिया जा रहा है। युवाओं का आहवान है कि वे गांधी जी के विचारों का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करें।
कार्यक्रम में प्रख्यात गांधीवादी विचारक डॉ. एन. सुब्बा राव ने कहा कि आज भाषा, मजहब एवं क्षेत्र की दीवारें हर तरफ खड़ी हो गई हैं। ऐसे में मनुष्य जाति को आपस में जोड़े रखने के गांधी जी के विचार बहुत प्रासंगिक हैं। सभी देशवासी मिलकर आज हिंसा मुक्त, बेरोजगारी एवं भूख मुक्त, नशा मुक्त तथा भ्रष्टाचार मुक्त गांधी जी के सपनों का भारत बनाने का प्रण लें।
कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने गांधी जी द्वारा प्रचारित सात सिद्धांतों का पालन करते हुए न्यूनतम आवश्यकता पर आधारित जीवन व्यतीत करने तथा मजबूत चरित्र पर जोर दिया। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री श्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि गांधी जी का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर प्रवीण चंद त्रिवेदी ने कहा कि गांधी अध्ययन केन्द्र के माध्यम से गांधी जी के विचारों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। वाइल्ड लाइफ रिसर्च एण्ड कंजर्वेशन अवेयरनेस सेन्टर के निदेशक डॉ. हेमसिंह गहलोत ने सेन्टर की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद दिया।
इससे पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र पर पुष्प अर्पित किए एवं दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम में लेखिका अनीसा किदवई की पुस्तक आज़ादी की छांव में गांधी जी का आखिरी सफर से श्री महमूद फारूकी ने वाचन किया। गांधी जी के प्रसिद्ध भजनों की भी प्रस्तुति दी गई। शासन सचिव कला एवं संस्कृति श्रीमती मुग्धा सिन्हा ने कार्यक्रम की शुरूआत में सभी अतिथियों का स्वागत किया।
कार्यक्रम में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा, चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, मोटर गैराज राज्य मंत्री श्री राजेन्द्र यादव, पूर्व सांसद श्री ताराचंद भगोरा, मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य, श्री धर्मेन्द्र राठौड़, पूर्व महाधिवक्ता श्री जी.एस. बापना, शांति एवं अहिंसा प्रकोष्ठ के संयोजक श्री मनीष शर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधि, विधायक एवं अधिकारी वीसी के माध्यम से जुड़े रहे।

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