डॉ. मनसुख मंडाविया ने कोविड टीकाकरण, पीएम आयुष्मान भारत हैल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन और इमरजेंसी कोविड-19 रिस्पॉन्स पैकेज पर राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ हुई बैठक की अध्यक्षता की

“पूर्ण कोविड टीकाकरण की दिशा में लोगों को उत्साहित करने और प्रेरित करने के लिए कमजोर प्रदर्शन करने वाले जिलों में हर घर दस्तक अभियान जल्द ही शुरू किया जाएगा।” केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने आज विभिन्न राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ राष्ट्रीय समीक्षा बैठक के दौरान यह बात कही। टीकाकरण की गति और कवरेज बढ़ाने की जरूरत को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि देश में 10.34 करोड़ से ज्यादा लोग हैं, जिन्होंने सुझाए गए अंतराल के बाद दूसरी खुराक नहीं ली है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में टीके की पर्याप्त खुराक उपलब्ध हैं, और राज्यों के पास 12 करोड़ से ज्यादा उपयोग नहीं हुई खुराक उपलब्ध हैं। उन्होंने राज्यों से आह्वान किया, “कोई भी जिला पूर्ण टीकाकरण के बिना नहीं रहना चाहिए।” उन्होंने कहा- “आइए, हम नवंबर, 2021 के अंत तक सभी पात्र लोगों को कोविड-19 टीके की पहली खुराक लगाने का लक्ष्य तय करते हैं।”

राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से अनुरोध किया गया कि राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम की प्रगति पर लगातार निगरानी सुनिश्चित करें। डॉ. मंडाविया ने राज्यों से टीकाकरण से वंचित लोगों की संख्या में कमी के लिए सभी हितधारकों के साथ क्षेत्रीय और स्थानीय स्तर की योजनाएं बनाने का अनुरोध किया। उन्होंने अपने लक्ष्य हासिल करने को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से को-विन पोर्टल पर उपलब्ध दूसरी खुराक के देय लाभार्थियों के कवरेज के लिए जिला-वार योजनाओं की योजना और निष्पादन की समीक्षा करने को नई रणनीतियों का भी आग्रह किया।

राष्ट्रीय समीक्षा बैठक के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार भी उपस्थित रही थीं। समीक्षा बैठक में राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों श्री अलो लिबांग (अरुणाचल प्रदेश), श्री केशब महंता (असम), श्री मंगल पांडे (बिहार), श्री टी एस सिंहदेव (छत्तीसगढ़), श्री सत्येंद्र जैन (दिल्ली), श्री रिषिकेश पटेल (गुजरात), डॉ. नरोत्तम मिश्रा (गृह मंत्री, मध्य प्रदेश), डॉ. मणि कुमार शर्मा (सिक्किम), श्री एम ए सुब्रमण्यन (तमिलनाडु), श्री जय प्रताप सिंह (उत्तर प्रदेश), श्री धन सिंह रावत (उत्तराखंड), डॉ. सुभाष गर्ग (राजस्थान), श्री बन्ना गुप्ता (झारखंड) ने भाग लिया। राज्यों के अधिकारियों के साथ विभिन्न राज्यों के मिशन डायरेक्टर (एनएचएम) भी उपस्थित रहे।

डॉ. मनसुख मंडाविया ने हाल में लॉन्च पीएम आयुष्मान भारत हैल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन (पीएम-बीएचआईएम) के मार्गदर्शन के लिए प्रधानमंत्री के विजन को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “कोविड ने हमें हमारे मौजूदा स्वास्थ्य इन्फ्रास्ट्रक्चर की खामियों के विश्लेषण का अवसर दिया है। हमने यह भी सीखा है कि एक संघीय लोकतंत्र में, केन्द्र और राज्य साथ-साथ सहयोगी के रूप में काम करके ही प्रमुख मील के पत्थर हासिल किए जा सकते हैं।” उन्होंने बताया कि 64,180 करोड़ रुपये के बजट के साथ बजट 2021-22 में घोषित पीएम-एबी एचआईएम सबसे बड़ी अखिल भारतीय हैल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर योजना है और इससे आकस्मिक सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के समाधान के लिए भारत की क्षमता में इजाफा होगा। उन्होंने कहा, इससे भारत के हैल्थकेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूती मिलेगी और इसमें ज्यादा लचीलापन आएगा। उन्होंने राज्यों नए मिशन के अंतर्गत आवंटित फंड के समयबद्ध इस्तेमाल के लिए रणनीतियां बनाने का आह्वान किया। डॉ. मांडविया ने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से यह सुनिश्चित करने का भी अनुरोध किया कि प्रस्तावित पहलों और योजनाओं को समय से पूरा करने के लिए ईसीआरपी-2 के लिए योजनाएं और कार्यन्वयन शिड्यूल की समीक्षा की जाए।

वसुधैव कुटुम्बकम के भारतीय दर्शन पर बात करते हुए, डॉ. मंडाविया ने कहा कि भारत का फार्मा क्षेत्र नई किफायती उपचारों और टीकों के साथ लोगों की सेवा के द्वारा इस दर्शन को पूरा कर रहा है। उन्होंने कहा, “भारत ने कोविड की पहली लहर के दौरान दुनिया को आवश्यक दवाओं की आपूर्ति की। दुनिया ने इसका प्रतिफल दिया और दूसरी लहर के दौरान भारत की मदद की।” भारतीय वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के प्रयासों की सराहना करते हुए, उन्होंने कहा कि भारत में प्रतिभा और कार्यबल की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा, “गुणवत्तापूर्ण दवाइयों के चलते भारत को ‘दुनिया की फार्मेसी’ सही ही कहा जाता है। यह भारत के लिए गर्व की बात है कि हमने कोविड के टीके का निर्माण किया और 16 जनवरी, 2021 के बाद से सीमित समय में 100 करोड़ टीके भी लगा दिए।”

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से टीबी उन्मूलन, एड्स नियंत्रण और उपचार व अन्य गैर कोविड योजनाओं पर ज्यादा ध्यान सुनिश्चित करने का अनुरोध किया।

डॉ. मंडाविया ने स्वास्थ्य मंत्रियों को आश्वस्त किया कि केन्द्र सरकार स्वास्थ्य के मामले में राज्यों/ यूटी को हर संभव समर्थन और सहायता देगी। उन्होंने कहा, “एक संघीय लोकतंत्र में केन्द्र और राज्य एक सहभागी प्लेटफॉर्म बनाते हैं। हमें स्वच्छ भारत, समृद्ध भारत सुनिश्चित करने के लिए एक टीम के रूप में काम करना चाहिए।” राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों ने इस संवादात्मक बैठक के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को हार्दिक धन्यवाद दिया, जिससे उन्हें विभिन्न मुद्दों पर व्यक्तिगत स्तर पर चर्चा करने का मौका मिला। मनसुख मंडाविया द्वारा इच्छित और आश्वासन के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के साथ उचित समय पर बातचीत की सुविधा के लिए राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ व्हाट्सएप पर एक संवादात्मक समूह बनाया गया है।

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