विधिक सेवा समिति के प्रयास से मिला 8 सालों से अटका हुआ न्याय – बामनवास

विधिक सेवा समिति के प्रयास से मिला 8 सालों से अटका हुआ न्याय
बामनवास 29 सितम्बर। तालुका विधिक सेवा समिति बामनवास के प्रयास से पिछले 8 वर्षों से अटका हुआ न्याय मिल गया।
फरियादी मुनीराम बैरवा के द्वारा तालुका सेवा समिति के समक्ष उपस्थित होकर एक परिवाद वृताधिकारी एवं थानाधिकारी पुलिस थाना बामनवास के विरुद्ध इस आशय का पेश किया कि वर्ष 2013 में प्रार्थी का सिलेक्शन लो फ्लावर बस कंडक्टर में हुआ था किंतु उस समय जिला पुलिस अधीक्षक सवाई माधोपुर के द्वारा प्रमाण पत्र जारी किया गया कि प्रार्थी के विरुद्ध मुकदमा नंबर 926/2007 व 927/2007 विचार अधीन है जबकि वास्तविकता में परिवादी के विरुद्ध उस समय कोई प्रकरण लंबित नहीं था। प्रार्थी के विरुद्ध मुकदमा नंबर 926/2007 और 927/2007 दर्ज हुए थे जिसमें न्यायालय किशोर न्याय बोर्ड सवाई माधोपुर ने 14 फरवरी 2011 को समय अवधि बाहर होने के कारण और संज्ञान नहीं लिया गया और चालान दाखिल कर दिया गया था।किंतु पुलिस वेरिफिकेशन में उक्त मुकदमों का इंद्राज कर देने के कारण परिवादी का सिलेक्शन नहीं हो सका। परिवादी के प्रार्थना पत्र को अध्यक्ष तालुका विधिक सेवा समिति द्वारा गंभीरता से लेते हुए नोटिस जारी किए गए।
जिनके जवाब में थाना अधिकारी पुलिस थाना बामनवास के द्वारा रिपोर्ट पेश की गई की मुताबिक रिकॉर्ड पूर्व में मुकदमा नंबर 926/2007, 927/2007 थाना गंगापुर सिटी पर दर्ज हुए थे जिनका विस्तृत रिकॉर्ड थाना गंगापुर सिटी पर ही उपलब्ध होने से थाना बामनवास पर पद स्थापित कर्मचारी द्वारा परिवादी के वेरिफिकेशन में इंद्राज कर दिया गया था जिस कारण प्रार्थी का प्रमाण पत्र गलत जारी हो गया था।
गौरतलब है कि दफा 74/2 किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 का यदि अवलोकन किया जावे तो यह स्पष्ट रूप से उल्लेख करती है कि पुलिस चरित्र प्रमाण पत्र के प्रयोजन के लिए या अन्यथा बालक के किसी भी अभिलेख का ऐसे मामलों में प्रकट नहीं करेगी जहां कि मामला बंद किया जा चुका हो या उसका निपटारा किया जा चुका हो।
इस प्रकार अब पुलिस प्रशासन ने भी माना कि तत्कालीन किया गया इंद्राज उचित नहीं था पर अब परिवादी के चरित्र प्रमाण पत्र को जारी किए जाने हेतु थाना स्तर की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है अब जिला एसपी द्वारा अग्रिम कार्यवाही की जा रही है इस दौरान बामनवास थाना अधिकारी बृजेश कुमार मीणा के द्वारा फरियादी मुनीराम बैरवा को एक ही दिन में न्याय दिलवाने में मदद की गई। इस पर मुनीराम बैरवा ने न्यायालय और पुलिस प्रशासन का आभार प्रकट किया और बताया कि मेरे साथ में कम से कम 15 लोग थे लेकिन पुलिस की मिलीभगत के कारण कुछ लोगों को पूर्व में ही चरित्र प्रमाण पत्र दे दिए गए थे। लेकिन मैं आज तक न्याय के लिए भटकता रहा तालुका विधिक सेवा समिति मैं आने के बाद मुझे आज मेरा न्याय मिला।

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