आयुर्वेद और स्वस्थ जीवनशैली से सभी रोगों से बचाव विषय पर वेबीनार संपन्न

आयुर्वेद और स्वस्थ जीवनशैली से सभी रोगों से बचाव विषय पर वेबीनार संपन्न

आयुर्वेद जीवन जीने का एक तरीका, बेहतर आहार, योग, डिटॉक्सिफिकेशन, हर्बल उपचार, मेडिटेशन पर ध्यान देना होगा- चोधरी 

शाहपुरा -(मूलचन्द पेसवानी)

भीलवाड़ा जिले के मोतीबोर का खेड़ा स्थित श्री नवग्रह आश्रम सेवा संस्थान के तत्वावधान में आयुर्वेद और वर्तमान स्थिति में स्वस्थ जीवनशैली से सभी रोगों से बचाव विषयक व्याख्यान वेबीनार का आयोजन गुगल मीट के माध्यम से किया गया। इसमें प्रदेश व देशभर से 40 आयुर्वेद चिकित्सकों ने बतौर संभागी के रूप में भाग लिया।

वेबीनार के संयोजक वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ जलदीप पथिक ने सभी का स्वागत करते हुए आज के दौर में आयुर्वेद के प्रचार प्रसार के साथ जीवन शैली में बदलाव लाने पर जोर दिया। उन्होंने तो केंद्र सरकार से आयुर्वेद पर अधिक ध्यान देकर आगामी केंद्र सरकार के बजट में भी आयुर्वेद पर विशेष स्वीकृतियां जारी कर आयुर्वेद को प्रोत्साहित करने के लिए योजनाओं की क्रियान्विति पर जोर दिया। डा. पथिक ने डब्लूएचओ से भी अपने निर्धारित मानदंडों में परिवर्तन कर आयुर्वेद चिकित्सा पद्वति को देश में प्रोत्साहित करने के लिए वैश्विक स्तर पर काम करने का आव्हान किया।

वेबीनार को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता श्री नवग्रह आश्रम सेवा संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष हंसराज चोधरी ने कहा कि आयुर्वेद जीवन जीने का एक तरीका है। हमारा शरीर पूरी तरह से स्वस्थ्य रहे इसके लिए हमें बेहतर आहार, योग, डिटॉक्सिफिकेशन, हर्बल उपचार, मेडिटेशन और बेहतर जीवनशैली आदि पर ध्यान देना चाहिए। चोधरी ने सभी आयुर्वेद चिकित्सकों का भी आव्हान किया कि वो सनातन चिकित्सा पद्वति आयुर्वेद को वर्तमान परिस्थितियों में चरमोत्कर्ष पर पहुंचाने के लिए पूरी निष्ठा से कार्य करें, आज नही ंतो कल सरकार को इस दिशा में काम करना होगा। 

नवग्रह आश्रम द्वारा अर्जित की गई उपलब्धियों का जिक्र करते हुए चोधरी ने कहा कि आयुर्वेद की अवधारणा शरीर के शुद्धीकरण के विचार पर आधारित है। शुद्धि आयुर्वेद की नींव रखने के लिए उपर्युक्त सिद्धांतों को सही माना है। आयुर्वेद सभी स्वास्थ्य समस्याओं को ठीक करने में सक्षम है। चोधरी ने कहा कि उन खाद्य पदार्थों को खाने से बचना चाहिए, जो स्वभाव से गर्म नहीं हैं। अच्छा आहार अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी है। इसलिए स्वस्थ जीवन के लिए हमें अपनी दिनचर्या में बदलाव करने की जरूरत है। चोधरी ने कहा कि जंक फूड, मांसाहार जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। जठराग्नि के प्रदलिप्त होने के समय भोजन करने का समय निर्धारित करना चाहिए परंतु आज की पीढ़ी उस समय सोती रहती है। इसलिए शरीर की स्वभाविक प्रक्रिया शिथिल होकर रोगों को जन्म देती है। भोजन की थाली में अनुपातिक जो खाद्य सामग्री होनी चाहिए वो अभी नहीं दिखती है। यह भी रोगों को बढ़ावा देने का एक कारण है। 

चोधरी ने कहा कि योग अन्त मन या आत्मा का आहार है। यदि आप नियमित रूप से योग नहीं करते हैं, तो आपकी आत्मा को भोजन नहीं मिलेगा और वह कमजोर हो सकती है, बिलकुल आपके शरीर के समान। बाहरी हमलों के खिलाफ अपने आप को तैयार करना बहुत जरूरी है। यह हमला शारीरिक भी हो सकता है और मानसिक भी। नियमित ध्यान से आप अपने मन और मस्तिष्क को मजबूत बना सकते हैं। ये मानसिक तनाव को कम करेगा और आपके फोकस को भी बढ़ाएगा। 

चोधरी ने कहा कि अपने शरीर को नियमित रूप से डिटॉक्सिफाई यानी शरीर से विषैले तत्व को बाहर निकालना बहुत आवश्यक है, क्योंकि हमारे रोगों का मुख्य कारण हमारे शरीर में पड़े हुए कुपित मल हैं। डिटॉक्सिफिकेशन से न केवल शरीर से जहरीले पदार्थ बाहर निकलते हैं, बल्कि इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। 

चोधरी ने कहा कि यह भी दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जायेगा कि कई आयुर्वेद चिकित्सक ही एलोपेथी की वकालात करते है जो कि आयुर्वेद के लिए हितकारी नहींे है। हम आर्युवेद के निष्ठावान चिकित्सक बनकर रोगी की सेवा करेगें तो निश्चित रूप् से लाभ मिलेगा। उन्होंने यह भी देश में चिकित्सा सेवा काफी महंगी हो गयी है जिसे सरकार को सस्ता व सुलभ बनाने की कार्य योजना तैयार करनी चाहिए। तभी आम आदमी लाभान्वित हो सकेगा।

उन्होंने चिकित्सकों के अलावा आयुर्वेद व सनातन संस्कृति से जुड़े लोगों का आव्हान किया कि वो नवग्रह आश्रम का अवलोकन करें आज यहां 421 प्रकार के औषधीय पौधों के साथ 14 नस्लों की देशी गायें भी मौजूद है। यहां पौधों को भाई मानकर उनकी सेवा कर उसी के माध्यम से चिकित्सा की जा रही है जो सभी के लिए अनुकरणीय बना हुआ है। देश के ऋषि मुनि यहां पहुंच कर जब इसे स्वर्गधाम की संज्ञा देते है तो नवग्रह आश्रम की उपादेयता स्वतः ही सिद्व हो जाती है। 

वेबीनार में डा. प्रदीप धाकड़, डा. दिनेश कुमार, सिमरन भारद्वाज, डा.ओमप्रकाश अग्रवाल, डा. रामनरेश मीणा, डा. सुनील कनोड़िया, डा. हेमलता मीणा, डा. कमलेश पाराशर, डा. कौशल सामरिया, डा. मीनल जैन, डा. विजय शंकर, भूमिका नाथानी, डा. राजकुमार चोहान, डा.दिक्षा भारद्वाज, डा. प्रदीप चोधरी, डा. शिवशंकर राड़, डा. गोविंद, डा. अब्राहिम मिरासी, डा. राजेंद्र गुप्ता, नवग्रह आश्रम संस्थान के सचिव जितेंद्र चोधरी, नवग्रह गौदर्शन गौशाला के प्रबंधक महिपाल चोधरी, सुरेंद्र सिंह, चरण सिंह, हेमेंद्र सिंह सहित कई अन्य ने शिरकत की। 

वेबीनार में प्राचीन जीवन, विज्ञान जीवन शैली की बीमारियों को रोकने और प्रबंधित करने का तरीको तथा आयुर्वेद और वर्तमान स्थिति में स्वस्थ जीवनशैली से सभी रोगों से बचाव के बारे में चर्चा तथा नवग्रह आश्रम के माध्यम से किये जा रहे नवाचारों की जानकारी दी गयी।

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